LIC Loan Facility – इमरजेंसी में है पैसों की बेहद जरूरत? LIC की यह सुविधा देगी आपको सस्ता और तुरंत लोन!

LIC Loan Facility – कई बार हमें पैसों की सख्त जरूरत पड़ती है और उसका कारण कोई अस्पताल का खर्च या घर की अन्य गंभीर ज़रूरतें शामिल होती है।‌ ऐसे में आप पर्सनल लोन लेने की तरफ भागते हैं लेकिन पर्सनल लोन की प्रोसेसिंग प्रकिया और ब्याज दर काफी ज्यादा होती है‌।

ऐसे में LIC इमरजेंसी में पैसों की जरूरत की समस्या को खत्म करने के लिए सस्ता LOAN और वह भी जल्द से जल्द उपलब्ध कराता है।

आईए जानते है इमरजेंसी में एलआईसी की पॉलिसी से लोन कैसे ले सकते हैं? LIC से लोन लेने के क्या फायदे हैं? 

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LIC LOAN की सुविधा से इमरजेंसी फंड की समस्या होगी खत्म! 

इमरजेंसी किसी भी वक्त आ सकती है लेकिन इमरजेंसी फंड कई बार किसी के पास जमा नहीं होते हैं तो ऐसे में लोग पर्सनल लोन की तरफ भागते हैं या फिर वह अपनी पहले से ही किसी फिक्स्ड डिपॉजिट और पॉलिसी को तुड़वाकर इमरजेंसी फंड जमा करते हैं लेकिन LIC LOAN इमरजेंसी फंड को जमा करने में काफी मदद करता है और यह एक तरह से सुरक्षित तरीका भी माना जाता है। ‌

अगर आपने एलआईसी ले रखी है तो आप इस पॉलिसी का उपयोग लोन लेने के तौर पर कर सकते हैं जिसमें बैंक द्वारा आपको लोन की राशि उपलब्ध कराई जाती है लेकिन ऐसे में आपकी एलआईसी की पॉलिसी को गिरवी रख लिया जाता है ताकि आप समय पर लोन का भुगतान कर सके।

LIC LOAN की क्या है फायदे?

  • एलआईसी से लोन लेने का सबसे बड़ा फायदा तो यही है कि यह आपका एक तरह से लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी के आधार पर दिया जाता है इसलिए यह बिल्कुल सुरक्षित होता है।
  • इसके अलावा एलआईसी के पास आपकी सभी व्यक्तिगत और दस्तावेज से संबंधित जानकारी एकत्रित होती है इसीलिए लोन जल्द-से-जल्द प्रोसेस हो जाता है।
  • लोन प्रोसेस होने के बाद 3 से लेकर 5 दिन के अंदर लोन की राशि खाते में ट्रांसफर हो जाती है।
  • वही एक तरफ आपको लोन लेने के लिए पॉलिसी को सरेंडर नहीं करना होता है और इसके साथ-साथ आपको पॉलिसी के लाभ मिलते रहते हैं। ‌
  • LIC LOAN में किसी प्रकार के प्रोसेसिंग और हिडन चार्जर्स नहीं लगे होते हैं जिससे यह काफी सस्ता पड़ता है।

बेहद आसान है लोन का भुगतान करना!

एलआईसी से लोन लेने पर इसका रीपेमेंट यानी भुगतान करना बेहद आसान माना जाता है क्योंकि इसमें उम्मीदवार को लोन रीपेमेंट के लिए काफी समय मिल जाता है जिसके चलते लोन की अवधि 6 महीने से लेकर बीमा पॉलिसी की मैच्योरिटी तक होती है। अब यह लोन लेने वाले उम्मीदवार पर निर्भर करता है कि वह 6 महीने में पैसे जमा करते रहे या एक साथ बीमा पॉलिसी की मैच्योरिटी होने पर ब्याज समेत इसकी राशि का भुगतान करें। ‌

लोन चुकाने की ज्यादा अवधि मिलने से उम्मीदवार को ईएमआई के झंझट से बचने में मदद मिलती है तो वही यह भी ध्यान रहे कि इसमें वार्षिक ब्याज लगता रहता है। वही व्यक्ति अगर 6 महीने की भीतर लोन का निपटारा करता है तो उसे 6 महीने का पूरा ब्याज चुकाना पड़ेगा।

LIC LOAN की ब्याज दर कम से कम 11% से लेकर 12% हो सकती है। वही सिर्फ ट्रेडिशनल और एंडोमेंट पॉलिसी के आधार पर ही प्रदान किया जाता है। पॉलिसी सरेंडर 80% से 90% तक लोन राशि प्रदान की जाती है।

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